किन स्थितियों में चुनना चाहिए Home Loan Balance Transfer का ऑप्शन? क्या हैं इसके फायदे
अगर आपको लगता है कि आपकी बैंक दूसरे बैंक की तुलना में आपसे ज्यादा ब्याज वसूल रही है, तो जरूरी नहीं आप उस बैंक में ही अपना लोन जारी रखें. आप अपने होम लोन को दूसरे बैंक में ट्रांसफर भी करवा सकते हैं.
आज के समय में ज्यादातर लोग मकान लोन लेकर खरीदते हैं. लेकिन समय के साथ जैसे-जैसे होम लोन की ब्याज दर बढ़ती है, आपकी ईएमआई का बोझ भी बढ़ता जाता है. ऐसे में लोन लेने वाला व्यक्ति ईएमआई के जाल में फंसता जाता है. लेकिन अगर आपको लगता है कि आपकी बैंक दूसरे बैंक की तुलना में आपसे ज्यादा ब्याज वसूल रही है, तो जरूरी नहीं आप उस बैंक में ही अपना लोन जारी रखें. आप अपने होम लोन को दूसरे बैंक में ट्रांसफर भी करवा सकते हैं. होम लोन बैलेंस ट्रांसफर (Home Loan Balance Transfer) को Home Loan Refinancing के नाम से भी जाना जाता है.
क्या हैं इसके फायदे
होम लोन रीफाइनेंसिंग में कम ब्याज दर जैसी शर्तों वाला नया लोन लिया जाता है और पुराने लोन को क्लोज करा दिया जाता है. ऐसे में आप अपनी ईएमआई के बोझ को कम कर सकते हैं. कम ब्याज दर पर पर लोन मिलने के कारण आपकी ईएमआई घट जाती है. इसके अलावा आपको लोन रीस्ट्रक्चरिंग का भी मौका मिलता है. नया लोन लेते समय आप ईएमआई के टेन्योर को अपने हिसाब से कम या ज्यादा करवा सकते हैं.
कब कराना चाहिए लोन रीफाइनेंसिंग
लोन की फाइनेंसिंग का पहला आधा हिस्सा खत्म होने से पहले अगर आप रीफाइनेंसिंग का ऑप्शन चुनते हैं तो ये आपके लिए फायदेमंद हो सकता है. इसका कारण है कि उस समय EMI में ब्याज की हिस्सेदारी ज्यादा रहती है. ऐसे में कम ब्याज वाला नया लोन आपके लिए काफी राहतभरा होता है.
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लोन रीफाइनेंसिंग का फायदा तभी है, जब आप मौजूदा समय की ऊंची ब्याज दरों का भुगतान करने में सक्षम न हों और नया लोन आपको कम ब्याज के साथ कर्ज ऑफर किया गया हो.
अगर आपने निश्चित ब्याज दर पर लोन लिया हो, लेकिन कुछ समय बाद ब्याज दरें घटना शुरू हो गई हों. आप नई ब्याज दरें अपनाना चाहते हों, लेकिन आपका बैंक इस स्थिति में आपको फ्लोटिंग रेट लोन का विकल्प देने को राजी न हो, तो आप लोन रीफाइनेंसिंग करवा सकते हैं.
अगर आपकी फाइनेंशियल कंडीशन पहले से बेहतर हो और आप लोन की अवधि कम करना चाहते हों, तो आप लोन रीफाइनेंस करवाकर नए लोन का निपटान कम समय में कर सकते हैं.
अगर आप पर ईएमआई का बोझ बहुत ज्यादा है और आप फिर से रीस्ट्रक्चरिंग करके ईएमआई को छोटा करना चाहते हों.
लोन लेने के बाद आपको घर की डिजाइनिंग वगैरह के लिए ज्यादा अमाउंट चाहिए तो कुछ सालों बाद आप कम ब्याज दर ऑफर करने वाले बैंक में नया लोन शुरू कर सकते हैं और नए लोन के तौर पर ज्यादा राशि ले सकते हैं.
अगर आपको लगता है कि आपको लेंडर अच्छा नहीं मिला है और उसकी तरफ से आपको सुविधाएं बेहतर नहीं मिल पा रही हैं, तो आप लोन रीफाइनेंस करवा सकते हैं.
बैलेंस ट्रांसफर के समय फीस
बैलेंस ट्रांसफर के लिए आपको अपने मौजूदा बैंक को फोरक्लोजर फीस और लोन ट्रांसफर शुल्क का भुगतान करना पड़ता है. इसके अलावा नया बैंक जहां पर आप अपने लोन को ट्रांसफर करवा रहे हैं, वहां आपको स्टाम्प ड्यूटी के साथ लोन प्रोसेसिंग फीस और अन्य फीस देनी पड़ सकती है, जो आमतौर पर नए पर्सनल लोन के लिए आवेदन करते समय वसूली जाती है.
07:00 AM IST